तकनीक की सबसे ज्यादा कमी कृषि क्षेत्र में है। आज भी किसानों को मुख्यत मजदूरों पर निर्भर रहना पड़ता है। प्रौद्योगिकी अभी तक छोटे और सीमांत किसानों तक नहीं पहुंच पाई है। आज भी किसान अपने हाथ जगन्नाथ जैसे कि काम करते हैं।
Maharashtra महाराष्ट्र के एक युवा किसान योगेश गवांडे ने कीटनाशकों के छिड़काव के लिए व्हील-आधारित Spray Machine स्प्रे मशीन बनाने के लिए 5 लाख रुपये का ऋण लेकर एक कंपनी स्थापित की है। उनकी कंपनी का टर्नओवर 3 करोड़ रुपये है और वह 100 लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ हजारों किसानों के लिए खेती को आसान बना रहे हैं।
घरेलू मशीन से छिड़काव
खेत में सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है छिड़काव। फसल में रोग की रोकथाम के लिए आपको बार-बार कीटनाशक का छिड़काव करना होगा। दवा को स्प्रे पंप में भरकर खेत में छिड़कना होगा। 15 लीटर का पंप पीठ पर लादकर ले जाने पर पीठ के क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना रहती है। ऐसी ही स्थिति योगेश गवांडे के भाई के साथ हुई और उन्होंने इस समस्या का समाधान करने का फैसला किया। मशीन बनाने के लिए बड़े भाई ने 5.5 लाख रुपये का कर्ज लिया और 6 साल की कड़ी मेहनत के बाद 3 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली नियो फॉर्म टेक नाम से कंपनी खड़ी की। कंपनी अब किसानों के लिए कीटनाशक छिड़काव मशीनें बनाती है।
स्प्रे पंप हाथ से और बैटरी से संचालित
पहियों पर चलने वाला यह स्प्रे पंप बैटरी चालित है। स्प्रे पंप विकलांग किसानों या उन लोगों के लिए बहुत मददगार रहे हैं जिन्होंने खेती दुर्घटनाओं में एक पैर या हाथ खो दिया है। इस स्प्रे पंप को सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है। पारंपरिक छिड़काव मशीनों की तुलना में, उनके स्प्रे पंप को उपयोगकर्ता को शरीर पर ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है और एक साथ 4 स्प्रे पाइप संचालित होते हैं, जिससे फसल का एक बड़ा क्षेत्र एक ही बार में कवर हो जाता है। स्प्रे पंप को मैन्युअल रूप से हाथ से या बैटरी से संचालित किया जा सकता है।
2023-24 में कंपनी का टर्नओवर 2 करोड़ के पार
2019 से अब तक यह 5 हजार स्प्रे पंप बेच चुकी है। भारत के कई राज्यों में किसानों को स्प्रे पंप की आपूर्ति करने वाले योगेश ने केन्याई कंपनी सिनी काकू एग्रो के साथ भी समझौता किया है और नमूना स्प्रे पंप भेजे हैं। उन्हें 150 स्प्रे पंप का ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। मैनुअल NIYO Spray Pump स्प्रे पंप की कीमत 10 हजार रुपये है। जबकि टॉप मॉडल की कीमत 30 हजार है। यह एक एडवांस्ड मॉडल लाने जा रही है जिसकी कीमत 1.80 लाख रुपये होगी। योगेश गावंडे ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनी 2 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर हासिल कर चुकी है, जो मार्च तक 3 करोड़ तक पहुंच जाएगा। 2022-23 में 1.1 करोड़ की कमाई हुई। कंपनी 100 लोगों को रोजगार दे रही है। इस प्रकार किसान आज खेती की समस्या का समाधान करके करोड़ों रुपए कमा चुका है।
योगेश गवांडे एक किसान परिवार से आते हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान, 2015 में उनके छोटे भाई को खेतों में कीटनाशक छिड़काव के कारण कीटनाशक विषाक्तता का सामना करना पड़ा। जिसके बाद उन्होंने और उनके परिवार ने एक ऐसी छिड़काव मशीन बनाने का फैसला किया, जिसे आसानी से चलाया जा सके और लोगों को लोडिंग के खतरे से बचाया जा सके।
5.5 लाख का लोन लेकर बनाई कंपनी
साल 2017 में वह भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (BYST) के संपर्क में आए, जिसके बाद उन्हें अपने लक्ष्य को मजबूत करने का रास्ता मिल गया। BYST की मदद से उन्हें 5.5 लाख रुपये का लोन मिला, जिससे उन्होंने मशीन बनाना और बेचना शुरू किया। BYST के संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेस का कहना है कि योगेश ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी की और कॉलेज के अपने पहले वर्ष में एक स्प्रे पंप का प्रोटोटाइप विकसित किया। BYST वित्तीय और व्यावसायिक परामर्श प्रदान करता है, जिसके बाद उन्होंने Neo Form Tech नियो फॉर्मटेक नामक कंपनी की स्थापना की।
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Note :
किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता
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