एक महीने तक शाम को 2 दाने खाए दवा लेने की जरूरत नहीं


आजकल मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण खराब खान-पान और गतिहीन जीवनशैली है। इसीलिए हम उन्नत जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी लेकर आते रहते हैं ताकि अधिक से अधिक लोग हमारे आयुर्वेद के बारे में जानें और इसका उपयोग करें। ताकि आधुनिक चिकित्सा के दुष्प्रभावों और महंगी लागत से बचा जा सके। आज हम बात करने जा रहे हैं गोखरू के बारे में।

Benefits of Buunion

Buunion गोखरू एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। गोखरू की पत्तियां, तना और प्रकंद सभी का औषधीय उपयोग किया जा सकता है। गोखरू दो प्रकार की होती हैं। बड़े गोखरू का उपयोग औषधि एवं जड़ी-बूटियों में किया जाता है। इसके फल के तीन तरफ कांटे होते हैं। इसे 'त्रिकेतक' भी कहा जाता है। जहां तक ​​गुणों की बात है, गोखरू फल मीठा, शीतल, पौष्टिक, कसैला, मूत्रवर्धक, टॉनिक, मूत्राशय और गुर्दे की कार्यप्रणाली में सुधार करने वाला, गैस और पित्त का शमन करने वाला होता है। फल सूखने पर पीला और कठोर हो जाता है। इसका रस और विपाक दोनों ही मधुर हैं। जब उस गैस से पीड़ा होती है तो वह परम औषधि बन जाती है।

Benefits of Buunion गोखरू कम पेशाब आना, पेशाब न आना, पेशाब रुकना, पेशाब में जलन, बदबूदार या पीला पेशाब आना आदि में उपयोगी है। शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए गोखरू उत्तम है। गोखरू का प्रयोग करने से मूत्राशय स्वस्थ रहता है। इसलिए इसका सेवन पथरी के रोगियों और किडनी की समस्या वाले रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप गोखरू मथना वहां से प्राप्त कर सकते हैं जहां जड़ी-बूटियां उपलब्ध हों। 3 ग्राम की खुराक यानि एक छोटा चम्मच दिन में दो या तीन बार पानी, चीनी, दूध, घी या शहद के साथ ले सकते हैं।

गोखरू का उपयोग कैसे करें

ज्यादातर समस्याओं में गोखरू चूर्ण का प्रयोग किया जाता है। इस चूर्ण को बनाने के लिए सूखे ग्वारपाठे के बीज लाएं और उन्हें घर पर धूप में सूखने दें। यदि यह थोड़ा सूखा हो और नमी रहित हो तो इसे किसी पत्थर या औजार से पीसकर चूर्ण बना लें। इस भूखा को उपयुक्त छलनी से छीलकर बिना नमी के कांच के कंटेनर में संग्रहित किया जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सकता है।

आज बाजार में गोखरू सिरप, पाउडर, टेबलेट, पिल के रूप में उपलब्ध है। गोखरू बलवर्धक, शीतल, मधुर, मूत्रल तथा वीर्यवर्द्धक है। लोबिया का एक अत्यंत उपयोगी भाग इसका फल है। गोखरू हृदय को ठीक करता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। यह ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का काम करता है।

बदलते मौसम में बुखार और ठंड लगना आम समस्या हो जाती है। बुखार होने पर 15 ग्राम गोखरू में 250 मिलीलीटर पानी मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में लाभ होता है। यदि मूत्र में लवण आ रहा हो, दुर्गंध आ रही हो या बादल छा रहा हो तो गरारे करने चाहिए तथा गोखरू क्वाथ में शिलाजीत प्राप्त करना चाहिए।

यदि पाचन शक्ति कमजोर हो तो गोखरू का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। 30-40 मिलीलीटर गोखरू के काढ़े में पीपली की जड़ का चूर्ण मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। गठिया, अर्थराइटिस या ऐसी ही अन्य समस्याओं में गोखरा बहुत फायदेमंद है। एक चम्मच गोखरू पाउडर और एक चम्मच अदरक पाउडर बनाकर उबलते पानी में डालें और पानी को उबलने दें। पानी को उबालने के बाद जब इसमें दो कप पानी रह जाए तो इसे उतारकर सुबह-शाम पीने से कमर दर्द ठीक हो जाता है।

आजकल की तनावपूर्ण जिंदगी में सिरदर्द आम बात हो गई है। सिरदर्द में ग्वारपाठे का काढ़ा पीने से लाभ होता है। गोखरू का काढ़ा 10-20 मिलीलीटर सुबह-शाम पीने से पित्त बढ़ने के कारण होने वाला सिरदर्द दूर हो जाता है।

गोखरू का उपयोग श्वसन और अस्थमा रोगों में किया जा सकता है। 2 ग्राम गोखरू चूर्ण को सूखे अंजीर के साथ खाने से बहुत लाभ होता है। यह प्रयोग दिन में तीन बार करें। गोखरू का उपयोग पथरी की समस्या को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए 3 ग्राम गोखरू, 10 ग्राम चीनी, एक कप दूध और एक गिलास पानी लें और इसे धीमी आंच पर उबलने दें। जब इस मिश्रण का पानी उबल जाए तो इसे ठंडा होने के बाद छान लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें। जिसके कारण पेशाब में पथरी धीरे-धीरे घुलकर बाहर निकल जाती है।

गोखरू और अश्वगंधा को बराबर भाग में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार चाटने से लाभ होता है। ऊपर से गर्म दूध पी लें। 5 ग्राम गोखरू फल, 5 ग्राम काली द्राक्ष, 2 ग्राम मुलेठी इन सभी को पीसकर इसका चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से आराम मिलता है।

गोखरू का सेवन करने से खून साफ ​​होता है। गोखरू पंचांग को रात में भिगोकर सुबह छानकर चीनी मिलाकर पीने से पेशाब की जलन ठीक हो जाती है। बकरी के दूध के पाउडर में गोखरू और शहद मिलाकर पीने से पथरी निकल जाती है।

गोखरू पाउडर इसके पेड़ के सूखे फूलों से प्राप्त किया जाता है। पाउडर को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। 250 मिलीग्राम चूर्ण दिन में दो बार भोजन के बाद लिया जा सकता है। जिसमें खाने से पहले 3-3 ग्राम हल्दी पाउडर, गोखर, आंवला और हल्दी को बराबर मात्रा में लेकर पानी में घोल लें। इससे प्रोस्टेट की सूजन से राहत मिलती है और पीएसए रिपोर्ट भी सामान्य हो जाती है।


Advertisement

rashi par thi jano patner no nature


Note :

किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता


एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने
Job WhatsApp Group!